एक सितम्बर 2025 से लागू इस नियम के दायरे में अब नेपाल, भूटान और तिब्बत के सैलानियों को होटल में ठहराने, अस्पतालों में भर्ती कर इलाज अथवा शिक्षण संस्थान में रुकने पर इन संस्थानों की तरफ़ से 'चेक इन से चेक आउट' तक भरने होंगे फ़ार्म सी, ऐसा नहीं करने पर प्रति सैलानी के हिसाब लगेगा 5o हजार जुर्माना ।
रुद्र प्रताप सिंह, ब्यूरो चीफ़ टीएनएन
वाराणसी/जौनपुर (तहलका न्यूज नेटवर्क)। नेपाल, भूटान और तिब्बत को छोड़कर अभी तक दुनिया के किसी भी देश के पर्यटकों को होटलों में ठहराने, निजी अस्पतालों में भर्ती कर इलाज करने या शिक्षण संस्थानों के आवासीय परिसर में रोकने पर इन संस्थानों को 'चेक इन से लेकर चेक आउट' तक फ़ार्म सी भरने पड़ते थे, लेकिन संस्थानों की तरफ़ से ढिलाई भी बरती जाती थी, या फ़िर गोलमाल से धन उगाही की जुगाड़ भी चल जाती थी जो अब असम्भव हो चली है।
दरअसल यह सख़्ती बांग्लादेश और नेपाल में हुए तख्ता पलट एवं इस बीच कश्मीर के पहलगाम में 26 पर्यटकों के हुए नरसंहार के बाद केन्द्र सरकार ने देश भर में सतर्कता बढ़ा दी। पहले फ़ार्म सी के दायरे में नेपाल, भूटान और तिब्बत, इन तीन देशों को छोड़कर बाकी सभी देशों के पर्यटकों के लिए यह आदेश लागू था लेकिन बढ़ती घुसपैठ और आतंकी घटनाओं के मद्देनज़र इन तीन पड़ोसी देशों के पर्यटकों पर भी इसे एक सितम्बर 2025 से लागू कर दिया गया है। इसी आदेश के अनुसार हर राज्य की सरकारों को ये निर्देश दे दिये गए हैं।
इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के ईस्ट जोन यानी पूर्वी यूपी की बैठक 23 सितम्बर मंगलवार को वाराणसी के पुलिस लाइन यातायात सभागार में हुई। इसमें होटल, अस्पताल, शिक्षण संस्थानों के संचालक मौजूद रहे। बैठक लेने आये लखनऊ के विभागीय अफसरों के अलावा खुफिया एजेंसियों के लोग भी मौजूद रहे। खुफिया एजेंसियों की मौजूदगी विदेशी सैलानियों के 'वीजा' पर निगरानी प्रमुख उद्देश्य है। यदि संचालकों द्वारा निजी लाभ अथवा लापरवाही का मामला किसी बड़ी घटना का द्योतक बनती है तो उनके ही गले की फांस बनेगी। प्रशिक्षण देने आये अफसरों ने फ़ार्म सी वाले दायरे में नेपाल, भूटान और तिब्बत को भी शामिल होना बताया। होटलों में प्रति सैलानी 50 हजार जुर्माना की बात कही, उसी तरह अस्पतालों और शिक्षण संस्थानों के लिए या फ़िर ऐसे सैलानियों को किराये पर अपना मकान देने वालों पर भी अलग- अलग जुर्माना राशि के बारे में जानकारी दी। यदि उनकी लापरवाही से राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचा तो वह सख्त कार्यवाही के लपेटे में भी आ सकते हैं।
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रुद्र प्रताप सिंह, ब्यूरो चीफ़ टीएनएन |