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बिहार चुनाव: नीतीश कुमार का भरोसा और मोदी मैजिक ने कई रिकार्ड बनाए! Tahalka Samvad

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 बिहार चुनाव: नीतीश कुमार का भरोसा और मोदी मैजिक ने कई रिकार्ड बनाए! 

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कैलाश सिंह-

राजनीतिक संपादक

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-बिहार में एनडीए की जीत अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव की दिशा तय करने में होगी असरकारी, इस चुनाव में महिला और विकास की रेल वन्दे भारत सरीखे दौड़ीl

-यूपी के सीएम योगी का बुलडोजर और हिंदुत्व का कार्ड सभी 'टफ सीटों' पर खूब चला, सीमांचल में ओवैसी ने महागठबंधन की रीढ़ तोड़ दी, प्रशांत किशोर हवा में उड़ेl

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पटना/वाराणसी, (तहलका न्यूज नेटवर्क)l राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने इस बार हुए विधान सभा चुनाव में डेढ़ दशक पूर्व यानी 20210 के 206 के आंकड़े के आसपास पहुँच करके अपने ही रिकार्ड को दोहरा दियाl इतना ही नहीं, उसने महागठबंधन को मजबूत विपक्ष लायक भी नहीं छोड़ाl महागठबंधन ने अपना 'युवा सीएम चेहरा तेजस्वी यादव' को घोषित करने के बाद जब   एनडीए पर दबाव बढ़ाया तो फ़िर नीतीश कुमार का चेहरा 'टाइगर जिन्दा है' के रूप में सामने आयाl महागठबंधन के नेता बने तेजस्वी को अपनी ही सीट जीतने में जद्दोजहद करनी पड़ीl


दरअसल 243 सीटों वाले बिहार विधान सभा 2025 का यह चुनाव महागठबंधन के दो बड़े दलों 'राजद और कांग्रेस' को रसातल में पहुंचाने वाला साबित हुआ हैl इस गठबंधन के 'हर दावे और वादे' को बिहार की जनता ने सिरे से खारिज कर दियाl जबकि एनडीए की तरफ़ से जदयू नेता नीतीश कुमार फ़िर 'सुशासन बाबू और विकास' के जरिए जनता के दिल में बने रहेl राष्ट्रीय फलक पर छाया 'मोदी मैजिक' महिला और युवा वोटरों को अपनी तरफ खींचने में सफ़ल रहाl यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का 'हिंदुत्व कार्ड और बुलडोजर' धार्मिक उन्मादियों और आपराधिक प्रवित्ति की मंशा रखने वालों पर भारी पड़ा हैl महाराष्ट्र की तरह यहां भी उनके मन्त्र- बंटोगे तो कटोगे, एक रहोगे तो सेफ रहोगे' खूब चलाl उसी तरह आरएसएस के 34 अनुसांगिक संगठनों के लगभग 60 हज़ार स्वयंसेवकों की टीम ने जन संपर्क के जरिए हरियाणा और महाराष्ट्र की तरह फ़िर बिहार में भी भाजपा की ताकत को मजबूत करने का 'साइलेंट वर्क' करके दिखा दियाl 


राजनीतिक विश्लेषकों 'एस पांडे, के एन सिंह, एस के सिंह और पी त्रिपाठी' के मुताबिक चुनाव की अधिसूचना जारी होने के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गाँधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की जोड़ी ने जनता की नज़र में महागठबंधन को एनडीए से ऊपर बनाए रखा, लेकिन सीटों के बंटवारे से लेकर सीएम चेहरा घोषित किए जाने तक के बीच 'टूटी जोड़ी ने उनके दलीय कोर वोटरों' को भी विखेर दियाl कांग्रेस की शर्मनाक हार ने फ़िर राहुल गाँधी के राष्ट्रीय नेतृत्व पर सवालिया निशान लगा दिया हैl तेजस्वी यादव खुद की सीट भी कड़ी टक्कर में जीते हैं, लेकिन अपनी पार्टी आरजेडी को रसातल में जाने से नहीं रोक पाएl हालांकि उन्होंने 'युवा चेहरा और नया विचार' के जरिए युवाओं, बेरोजगारों, महिलाओं, किसानों को जोड़ने के लिए वादों की झड़ी लगा दी थी, लेकिन उनकी 'जंगलराराज वाली विरासत' ही उनपर भारी पड़ गईl


इधर देश का सबसे बड़ा हिंदुत्व का चेहरा बन चुके यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का  'गरजता बुलडोजर और अपराधियों से सुरक्षा' की गारन्टी  ने महागठबंधन के जंगलराज वाली विरासत की कमर तोड़ दीl  चुनाव के पहले फेज में मोकामा में हुई हिस्ट्रीशीटर दुलार चन्द यादव की हत्या में दूसरे माफिया अनंत सिंह पर लगे आरोप ने जातिगत समीकरण को तोड़कर दियाl यहां भूमिहार बनाम यादव  को लेकर सवर्ण बनाम पिछड़ा के रूप में चला, लेकिन इसका असर अन्य सीटों पर पहुंचकर आंशिक रह गयाl सीवान समेत तमाम मुस्लिम बहुल सीटों के मद्देनज़र योगी की लगभग 16 सभाएं लगाई गई थीं जिनपर एनडीए को बढ़त मिलीl असदुद्दीन ओवैसी ने सीमांचल में  राजद के 'एम वाई' समीकरण को जहां तोड़ा वहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय पैमाने पर मुस्लिम वोटबैंक पाने वाली मंशा पर भी पानी फेर दियाl

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