BREAKING

जलजम: एक माननीय ने अपने 'गृह प्रवेश' के नाम पर भी की वसूली! Tahalka Samvad

Tahalka Samvaad


 जलजम: एक माननीय ने अपने 'गृह प्रवेश' के नाम पर भी की वसूली! 

----------------------------------------

के.एन.सिंह/प्रशांत त्रिपाठी-

सलाहकार संपादक/ ब्यूरो चीफ

----------------------------------------

-उत्तर प्रदेश के एक माननीय अपने क्षेत्र ही नहीं, बल्कि जनपद में 'तगादा वसूली' के लिए खासे कुख्यात हो चुके हैंl इसके लिए वह नायाब तरीके भी खोज निकालते हैंl उसी का भंडाफोड़ इस एपिसोड में सांकेतिक तौर पर किया जा रहा हैl इन महोदय ने पिछले साल जो 'जलजम' नामक निजी भवन बनवाया उसके नाम के पर्यायवाची शब्द का इस्तेमाल इस रिपोर्ट में किया जा रहा हैl ताकि उनके जिले के लोग तो कम से कम समझ ही जाएंl

----------------------------------------

लखनऊ/ वाराणसी, (टीएनएन)l पूर्वांचल के एक जिले के जिस 'माननीय' के तगादा वसूली के कारनामें का खुलासा इस एपिसोड में किया जा रहा है, वह  अपनी इसी खासियत के लिए कुख्यात हो चले हैंl वह महोत्सव व पशु मेले के नाम पर 'साल और महीने' में लाखों की रकम पीटते हैं और नये तरीकों पर शोध भी करते रहते हैंl उत्तर प्रदेश सरकार से मिलने वाली 'निधि' से भी कमाने का नायाब तरीका वह अपनाने से नहीं चूकते हैंl उनमें से एक को वह अपने निजी भवन निर्माण और गृह प्रवेश में आजमा चुके हैं, जो कारगर साबित हुआ हैl एक अन्य तरकीब में उन्होंने पश्चिमी यूपी के एक माननीय के साथ मिलकर प्रभावी किया हुआ है, जिसका विवरण अगली कड़ी में मिलेगाl उसकी पड़ताल 'तहलका संवाद' की टीम कर रही हैl


बानगी जलजम की: पहले तो यह समझिये कि 'जलजम' क्या है? दरअसल यह शब्द है कमल के फूल का पर्यायवाची, जैसे पंकज, सरोज, जलज, नीरज, अंबुज, राजीव, पद्म, नलिन, उत्पल आदिl इन्हीं नामों में से एक को माननीय ने अपने 'निजी भवन' का नाम दिया हैl जाहिर है इस भवन के निर्माण से लेकर गृह प्रवेश तक के सारे खर्च पब्लिक के उन लोगों को भुगतने पड़े जो खुद विभिन्न तरीकों से गरीबों को लूटते हैंl 


माननीय के निशाने पर रहते हैं नर्सिंगहोम संचालक और बड़े व्यवसायी: यह भवन पिछले साल वाराणसी- लखनऊ फोरलेन पर बना है जिसका नाम प्रदेश की राजधानी तक गूंजता हैl यानी उस राह से गुजरने वाले कार से हों या बस यात्री उनकी नज़र 'जलजम' पर जरूर पड़ती हैl इसके निर्माण में झोलाछाप चिकित्सकों का बड़ा योगदान है, क्योंकि सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद यही तबका सबसे अधिक सहमा था जिन्हें इसी माननीय ने सहारा दियाl


इस साल के महोत्सव का हुआ समापन: रंगगारंग कार्यक्रमों वाले तीन दिवसीय महोत्सव का समापन तीन नवम्बर को हो गयाl इसमें लगभग सात सौ जोड़े परिणय सूत्र में बंधेl कितनों को राज्य सरकार से अनुमन्य रकम मिली और कितने को काली कमाई अर्थात तगादा वसूली से संतृप्त किया गया, उसका भांडा भी यही वह जोड़े जल्द फोड़ेंगे, जिन्हें रकम नहीं दी गईl सरकारी लिस्ट हम मुहैया कराएंगेl,,,,,, क्रमशः  नोट- देश- विदेश की खबरों के लिए हमारे डिजीटल प्लेटफार्म -  www.tahalkasamvaad.com को अवश्य पढ़ें। साग्रह धन्यवाद l

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!